विश्व अर्थ दिवस आज, उपराष्ट्रपति ने कहा- धरती को बनाएं हरा भरा स्वच्छ ग्रह

दुनिया भर में 50वें वर्ल्ड अर्थ डे को मनाया जा रहा है। ऐसे में पृथ्वी दिवस के मौके पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने लोगों से उपभोक्तावादी जीवनशैली को बदलने और विकास की अवधारणाओं पर पुनर्विचार करने को कहा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल नीतियां अपना कर ही हमारा भविष्य प्रकृति सम्मत विकास पर निर्भर करेगा। उन्होंने आगे कहा कि जरूरी है कि हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों, पर्यावरण सम्मत ग्रीन बिल्डिंग,  प्रदूषण मुक्त स्वच्छ टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर अग्रसर हो।

पर्यावरण संरक्षण हर नागरिक कर्तव्य

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सभी नागरिकों से पृथ्वी को हरा भरा स्वच्छ ग्रह बनाने का निवेदन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हर एक का पुनीत नागरिक कर्तव्य है। पृथ्वी दिवस के अवसर पर अपने संदेश में उन्होंने कहा, ” हमें प्रकृति के संरक्षण को प्राथमिकता देनी चाहिए, अपनी उपभोक्तावादी जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए और विकास की अपनी अवधारणा पर दोबारा विचार करना चाहिए.

क्यों मनता है अर्थ डे?

पृथ्वी पर रहने वाले तमाम जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने तथा दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ 22 अप्रैल के दिन ‘पृथ्वी दिवस’ यानि‘ अर्थ डे’ मनाने की शुरूआत की गई थी। 1970 में शुरू की गई इस परंपरा को 192 देशों ने खुली बांहों से अपनाया और आज लगभग पूरी दुनिया में प्रति वर्ष पृथ्वी दिवस के मौके पर धरा की धानी चुनर को बनाए रखने और हर तरह के जीव-जंतुओं को पृथ्वी पर उनके हिस्से का स्थान और अधिकार देने का संकल्प लिया जाता है।