केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह 8.00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में 62,538 नए मामले आने के बाद बढ़कर इसके 20,27,075 हो गई है। साथ ही देश में संक्रमण से अब तक 41,585 लोगों की मौत हो चुकी है, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आए मामलों में 6,07,384 सक्रिय हैं। जबकि 13,78,106 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।
बिहार में कोरोना वायरस के 3,416 नए मामलों के साथ कुल मामले हुए 68,148
बिहार में स्वास्थ विभाग के द्वारा कल शाम आखरी ट्विट कर जारी सुचना के अनुसार अपडेट में कोरोना वायरस के विभिन्न जिलों के 3,416 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 68,148 हो गई। बिहार में सक्रिय मामलों की संख्या 23,939 है जबकि कल शाम 4 बजे जारी आकड़ो के मुताबिक अभी तक इस संक्रमण से 43,821 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं। वहीं अबतक 388 लोगों की मौत हुई है।
#COVIDー19 Updates Bihar:
(शाम 4 बजे तक)➡️विगत 24 घंटे में कुल 60254? सैम्पल की जांच हुई है।
➡️अबतक कुल 43820 मरीज ठीक हुए हैं।
➡️ वर्तमान में COVID19 के active मरीजों की संख्या 23939 है।
➡️बिहार में कोरोना मरीजों का रिकवरी प्रतिशत 64.30 है।#BiharHealthDept #COVID19 pic.twitter.com/VkWPp8lHbZ
— Bihar Health Dept (@BiharHealthDept) August 6, 2020
बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक पटना में सर्वाधिक 11399, भागलपुर में 3138, मुज़फ्फरपुर में 3007, नालंदा में 2716 और गया में 2607 केस रिपोर्ट हुए हैं। गौरतलब है कि अब तक कुल 8,01,316 से अधिक सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन एक अस्थायी उपाय था और वायरस पर सफलतापूर्वक लगाम कसने का प्रयास करने वाले कुछ देशों की तुलना में भारत में जांच की दर कम है।
डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक संवाद सत्र के दौरान कहा कि अभी तक कोविड-19 का टीका बनाने के लिए 28 उम्मीदवाा पर क्लीनिकल जांच चल रही है, जिनमें से पांच दूसरे चरण में प्रवेश कर चुके हैं और पूरी दुनिया में 150 से अधिक उम्मीदवार क्लीनिकल जांच के पूर्ववर्ती चरण में हैं।
उन्होंने कहा,
जर्मनी, ताईवान, दक्षिण कोरिया, जापान जैसे देशों की तुलना में भारत में जांच की दर काफी कम है।
उन्होंने कहा,
अमेरिका में भी बड़ी संख्या में लोगों की जांच हो रही है। इसलिए हमारे पास कुछ मानक होने चाहिए और हर जनस्वास्थ्य विभाग के लिए जरूरी है कि मानदंड बनाए कि प्रति लाख या प्रति दस लाख पर जांच की दर क्या है, पॉजिटिव पाए जाने की दर क्या है।
उन्होंने कहा कि पर्याप्त संख्या में जांच किए बगैर वायरस से लड़ना ‘‘आंख पर पट्टी बांधकर… Read more
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