कमज़ोर पड़ा कोरोना, ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर अस्पतालों में एक भी मरीज नहीं, लेकिन तीसरी लहर चिंता का विषय

कोरोना की दूसरी लहर जारी है, लेकिन बिहार में कोरोना दम तोड़ता दिखाई दे रहा है। राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण के केस लगातार कम होते जा रहे हैं। इससे जिले के लोगों ने बड़ी राहत की सांस ली है। हालांकि शहर की तुलना में ग्रामीण इलाकों में केस ज्यादा तेजी से कम हुए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। दरअसल लॉकडाउन नहीं बढ़ाने से तीसरी लहर को कंट्रोल करना नामुमकिन हो सकता है। क्योंकि तीसरी लहर को बहुत खतरनाक माना जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी आकड़ो  के मुताबिक, 1113 लोगों ने कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, इसके साथ केसलोड बढ़कर 7.06 लाख हो गया है। वहीं 24 घंटे में 59 मौतें दर्ज की गईं। बिहार में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 5,163 है। वहीं स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि स्वस्थ होने वाले कोविड-19 रोगियों की संख्या 6.83 लाख हो गई है और ठीक होने की दर 96.97% तक पहुंच गई है। लगातार कम होते जा रहे, असर ग्रामीण इलाकों में मौजूद अस्पतालों में देखने को मिल रहा है। इन इलाकों में ज्यादातर कोविड बेड खाली पड़े हैं। वहीं कई में तो एक भी मरीज तक नहीं हैं। हालांकि, कई अन्य में 100 उपलब्ध बेड हैं, लेकिन दो से चार पर ही मरीज हैं।

अस्पताल कुल बेड खाली बेड

  • अनुमंडलीय अस्पताल मसौढ़ी 25 25
  • अनुमंडलीय अस्पताल बाढ़ 98 95
  • इएसआइसी, बिहटा 100 100
  • डाइट सेंटर मसौढ़ी 100 100
  • डाइट सेंटर बाढ़ 100 100
  • डाइट सेंटर विक्रम 100 99
  • कंगनघाट टूरिस्ट सेंटर 100 99

रविवार को राज्य स्वास्थ्य समिति की वेबसाइट से मिली सूचना के मुताबिक मसौढ़ी के अनुमंडलीय अस्पताल में 25 बेड में से सभी 25 खाली थे। सूचना के मुताबिक रविवार को अनुमंडलीय अस्पताल बाढ़ में 98 बेड हैं, जिसमें 95 बेड खाली थे और मात्र तीन पर मरीज थे।

इएसआइसी बिहटा के 100 बेड में से सभी 100 रविवार को खाली थे। डाइट सेंटर विक्रम में कोविड मरीजों के लिए 100 बेड हैं, यहां भी रविवार को 99 बेड खाली थे. डाइट सेंटर मसौढ़ी के 100 बेड में से सभी 100 बेड खाली थे।

डाइट सेंटर बाढ़ के भी सभी 100 बेड में से 100 बेड खाली थे किसी पर भी मरीज नहीं थे। पटना शहर से सटे कंगनघाट टूरिस्ट सेंटर में बनाये गये अस्पताल के 100 बेड में से 99 खाली थे. कुछ ऐसी ही स्थिति पटना शहर से दूर जिले के कई अन्य अस्पतालों की भी है।

कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद ग्रामीण इलाकों के गंभीर मरीज शहर के अस्पतालों का रूख कर रहे हैं। वहीं, हल्के लक्षणों वाले मरीज होम आइसोलेशन में रह कर ही ठीक हो रहे हैं।