जालसाज इस्तेमाल कर रहे भाड़े पर बिहार में महिलाओं के बैंक खाते, कोरोनाकाल में हो रहा करोड़ों का ट्रांजेक्शन, जानिए पूरी बात

unrecognizable hacker with smartphone typing on laptop at desk

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में हुए ऑक्सीजन सिलिंडर और रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी मामले में पुलिस की जांच के क्रम में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जाँच में बात सामने आई कि बिहार की महिलाओं का बैंक खाता जालसाजों के लिए पैसा जमा करने और गलत इस्तेमाल के लिए एक आसान जरिया बन चुका है। दरअसल दिल्ली में कालाबाजारी के दर्ज शिकायत की जांच को लेकर शनिवार को दिल्ली पुलिस की टीम भागलपुर पहुंची। जहाँ एक मजदूर वर्ग की महिला को उसके खाते से 90 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन होने की बात सामने आई। वहीं महिला की गिरफ्तारी के बाद बड़े गैंग का खुलासा भी हुआ है।

बतादें कि बीते शनिवार को पुलिस ने दिल्ली में दर्ज एक शिकायत के मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों की तलाश में छापेमारी की। बतादें कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसने ऑक्सिजन सिलिंडर और रेमडेसिविर दवा को लाखों रुपये में खरीदा और पैसे ऑनलाइन बैंक खाते में भेजे गए थे। पैसे भेजने के बाद भी उसे ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दिया गया जिससे उसके परिजन की मौत हो गई। पुलिस टीम को जाँच में पता चला कि सम्बंधित खता बिहार में महिलाओं का खाता है।

इसके बाद बैंक प्रबंधन ने कालाबाजारी के दौरान ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किये गये खातों की विस्तृत जानकारी निकाली। जहाँ पाया कि भागलपुर की 21 महिलाओं के बैंक खातों को कालाबाजारी के दौरान पैसों के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया गया है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस बिहार के भागलपुर की एक महिला(सरिता देवी) को गिरफ्तार करने के साथ ट्रांजिट रिमांड पर उसे दिल्ली लेकर गई है।

एनजीओ लाभ दिलाने की बात पर खुलवाया खाता

पूछताछ के क्रम में सरिता देवी ने बताया कि कुछ माह पूर्व ही उसका छोटा भाई अपने एक साथी को लेकर उसके पास आया था। जिसका नाम रौशन सिंह है और वो बेगूसराय का निवासी है। गिरफ्तार महिला सरिता देवी ने पुलिस को बताया कि रौशन सिंह रेलवे में मुंशी का काम करता है। उसने एनजीओ के तहत कई योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए आमापुर व पक्कीसराय में कई महिलाओं का बैंक खाता खुलवाया। जिसमें उसकी बहन का भी खाता खोला गया।

सरिता देवी ने बताया कि रौशन सिंह ने 21 महिलाओं का आधार कार्ड लेकर उनके नाम से नया सिम कार्ड लिया। उसी मोबाइल नंबर को बैंक खाते में जोड़ा गया। इस दौरान एचडीएफसी बैंक में सात महिला, केनरा बैंक में नौ महिला और यूनियन बैंक में पांच महिलाओं के खाते खुलवाये गये। सभी 21 महिलाओं के बैंक खातों के पासबुक, चेकबुक, एटीएम कार्ड सहित नये मोबाइल नंबरों के सिम भी रौशन सिंह अपने साथ लेकर चला गया। इसके बाद से बैंक खातों में दिल्ली सहित पूरे देश में कोविड 19 के दौरान हुए ऑक्सीजन सहित अन्य दवाओं की कालाबाजारी को लेकर भारी मात्रा में पैसों की लेन-देन की गयी।

कालाबाजारी के दौरान पैसों का लेन-देन में  किया गया इस्तेमाल

बता दें कि सरिता देवी पर आरोप है कि उनके बैंक खाते से ऑक्सीजन सिलिंडर और रेमडेसिविर दवा के कालाबाजारी के दौरान पैसों का लेन-देन किया गया। एचडीएफसी बैंक के कहलगांव शाखा से 90 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया। वहीं आरोपित महिला का कहना है कि वो बड़े गैंग का शिकार बनी है. उसे झांसे में रखकर ये सब काम किया गया है। जिसकी उसे भनक तक नहीं लगी। सरिता देवी का पति ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करता है।

भाड़े पर बैंक खाता सदस्यों को कराया मुहैया 

दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है कि सरिता देवी सहित कई अन्य महिलाओं ने भाड़े पर अपना बैंक खाता कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सदस्यों को मुहैया कराया। हालांकि सरिता देवी को दिल्ली ले जाकर पुलिस उससे विस्तृत पूछताछ करेगी, जिसके बाद ही पूरे मामले से पर्दा उठ सकेगा।