अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, धर्म चक्र दिवस के रूप में आषाढ़ पूर्णिमा मनाएगां इसकी देखरेख संस्कृति मंत्रालय कर रहा है। आपको बता दें कि आज ही के दिन महात्मा बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था। इसी मौके पर पूरी दुनिया के बौद्ध हर साल इसे धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप में मनाते हैं. वहीं हिंदू धर्म में आज का दिन गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने का होता है और इसे‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुबह 9 बजे के करीब राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया।
आदर सीखाता है बौद्ध धर्म
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना सिखाता है। लोगों के लिए आदर करना, गरीबों के लिए आदर रखना, महिलाओं को आदर देना। शांति और अहिंसा का आदर करना. इसलिए बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है।
उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ा जाएगा और मंगोलिया में सदियों से संरक्षित भारतीय मूल की एक बहुमूल्य बौद्ध पांडुलिपि भारत के माननीय राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी।
You must be logged in to post a comment.