राहत की खबर: ऑक्सफोर्ड और सीरम इंस्टीट्यूट का दावा- दिसंबर तक कोरोना वैक्सीन की 30-40 लाख डोज हो जाएगा तैयार

विश्व में कोरोना वैक्सीन को लेकर एक राहत की खबर है। पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने बताया कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की ओर से विकसित की जा रही वैक्सीन के दिसंबर तक 30-40 लाख डोज तैयार हो जाएंगी। एसआईआई के प्रमुख अदार पूनावाला ने बताया कि कोविडशील्ड पहली कोरोना वैक्सीन हो सकती है अगर इसका परीक्षण ब्रिटेन और भारत में सफल रहता है।

वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्र है, इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन बनाने के लिए चुना है। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से बनाई गई वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। बताया जा रहा है कि जिन लोगों को ये वैक्सीन दी गई है, उनमें मजबूत टी-सेल्स इम्यून रिस्पॉन्स दिखा है। अदार पूनावाला ने बताया कि वो अगस्त तक पांच हजार स्वैच्छिक भारतीयों पर कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल शुरू करेंगे और अगर सब कुछ सही रहा तो अगले साल जून तक वैक्सीन लॉन्च कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगस्त तक वैक्सीन को बड़े स्तर पर मैन्यूफैक्चर करेंगे। दिसंबर तक हम 30-40 लाख डोज तैयार कर देंगे। अभी यही हमारा लक्ष्य है और उम्मीद है कि इसे पूरा कर लिया जाएगा। पूनावाला ने कहा कि साल 2021 की पहली तिमाही में भारत में बड़ी आबादी के पास वैक्सीन की पहुंच हो जाएगी।

वैक्सीन को किफायती दाम में बेचा जाएगा

उन्हांने कहा कि वैक्सीन को किफायती दाम में बेचा जाएगा, हमारी कोशिश है कि इसकी कीमत एक हजार रुपये के आस-पास या उससे कम रहे। हमें नहीं लगता कि किसी देश या उसके नागरिकों को इसे खरीदने की जरूरत पड़ेगी क्योंकि देश की सरकारें इसे खरीदेंगी और मुफ्त में बांटेंगी। एसआईआई ने बताया कि बाजार में वैक्सीन को लॉन्च करने से पहले 30 करोड़ डोज बनाने को लेकर कंपनी ने करीब 200 मिलियन डॉलर को दांव पर रखा है। पुणे और मुंबई में विकासशील स्तर वाली वैक्सीन का चार से पांच हजार स्वैच्छिक लोगों पर परीक्षण किया जाएगा।