सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ लगे आरोपों पर 30 सितंबर तक फैसला सुनाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट को फैसला सुनाने के लिए एक महीने से ज्यादा का समय दिया है. इस मामले की सुनवाई लखनऊ खंडपीठ में हो रही है. गौरतलब है कि बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ भीड़ को भड़काने के आरोप लगे हैं.
राजनीति से प्रेरित लगाए गए थे आरोप-आडवाणी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष जज के सामने अपना बयान दर्ज करवाया था। अपने बयान में आडवाणी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने उस समय की केंद्र सरकार को अपने खिलाफ लगे आरोपों के लिए जिम्मेदार ठहराया था। इस मामले में खुद को निर्दोष करार देते हुए आडवाणी ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित थे।
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