भारत-चीन तनाव के बीच राजनाथ सिंह ने ईरानी रक्षा मंत्री से की मुलाकात, चीन-पाकिस्तान के लिए कितनी बढ़ सकती है मुश्किलें ?

भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ईरान के रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल हतामी से मुलाकात की। राजनाथ सिंह ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर ईरान के रक्षा मंत्री से चर्चा की।
राजनाथ सिंह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होने संबंधी अपनी तीन दिवसीय मॉस्को यात्रा के समापन के बाद लौटते हुए शनिवार को तेहरान पहुंचे थे। उन्होंने मॉस्को में रूसी, चीनी और मध्य एशियाई देशों के समकक्षों से द्विपक्षीय वार्ता की थी।

राजनाथ सिंह ने बैठक को बताया सार्थक

उन्होंने ट्वीट किया कि तेहरान में ईरानी रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल आमिर हतामी से अत्यंत सार्थक मुलाकात हुई। हमने अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। राजनाथ ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की तथा अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सहित क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीन को साफ संदेश

इससे पहले चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात में राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी पर मौजूदा स्थिति का प्रबंधन जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए और किसी भी पक्ष को आगे की ऐसी कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे स्थिति जटिल हो जाए या सीमा क्षेत्रों में तनाव बढ़ जाए। रक्षामंत्री ने कहा कि दोनों ही पक्षों को जल्द से जल्द एलएसी पर सेनाओं के पूरी तरह पीछे हटने तथा तनाव खत्म करने और शांति एवं सद्भाव की पूर्ण बहाली सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य माध्यमों सहित अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए।

तेहरान दौरे से चीन और पाकिस्तान को झटका देने की तैयारी

सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के जवाब में भारत ईरान के चाबहार बंदरगाह को विकसित कर रहा है। इसके रास्ते भारत न केवल अपनी सामरिक बल्कि आर्थिक हितों को भी साधेगा। वहीं, हाल ही में चीन ने ईरान के साथ अरबों डॉलर का सौदा किया था। ऐसे में अगर भारत चीन के खिलाफ ईरान को मना लेता है तो यह बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जाएगी। चाबहार पोर्ट के ऑपरेशनल हो जाने से भारत अपना कारोबार अफगानिस्तान और ईरान से कई गुना बढ़ा चुका है।