लालू यादव के आवास पर चल रही छापेमारी के बाद गरमाई बिहार की राजनीति, किसी ने सीबीआई तो किसी ने लालू के कार्यशैली पर उठाया प्रश्न।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों के 17 ठिकानों पर शुक्रवार सुबह से ही सीबीआई की टीम छापेमारी कर रही है। रेलवे भर्ती में गड़बड़ी को लेकर पटना, दिल्ली, गोपालगंज, भोपाल के कई ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी चल रही है। लालू यादव, राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती से सीबीआई पूछताछ कर रही है।

सीबीआई के छापे से नाराज हुए राजद कार्यकर्ता।
इधर, सीबीआई की इस कार्रवाई के विरोध में पटना में राजद कार्यकर्ता सड़क पर उतर गये हैं। राजद कार्यकता 10 सर्कुलर रोड, राबड़ी आवास के पास धरने पर बैठ गये हैं। वो लोग नारेबाजी कर रहे हैं। साबीआई वापस जाओ का नारा लगा रहे हैं। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लालू परिवार को परेशान करने के लिए राजनीति से प्रेरित होकर सीबीआई द्वारा यह कार्रवाई की जा रही है।

लालू परिवार को डराने के लिए हो रही है छापेमारी
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर लालू परिवार को फंसाने की कोशिश कर रही है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी के साथ आने से भाजपा में बेचैनी बढ़ गई है। इस लिए लालू परिवार को डराने के लिए भाजपा के इशारे पर सीबीआई ने यह कार्रवाई की है।

सीबीआई रेलवे भर्ती मामले में कर रही है छापेमारी
इधर, इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आने लगी है। लालू प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी का मामला बिहार के मंत्री अशोक चौधरी का बयान भी सामने आया है उन्होंने कहा है कि ‘सीबीआई रेलवे भर्ती मामले में कर रही है छापेमारी’ कुछ सबूत मिलने पर सीबीआई जांच कर रही होगी। वहीं JDU प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि छापेमारी पर टिप्पणी करना अभी जल्दीबाजी होगी।

सुशील मोदी ने लालू के कार्यशैली पर भी उठा दिया प्रश्न
भाजपा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब उन्होंने दर्जनों लोगों को ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले में किसी और को जमीन दान करने के लिए नियुक्त किया और फिर 5-6 साल बाद उनसे खुद को वो जमीन लालू प्रसाद ने उपहार में ले लिया। ये था उनके काम करने का तरीका।