विश्वविद्यालयों की लेट-लतीफी से राज्य भर के युवाओं में है आक्रोश ; उच्च शिक्षा की स्थिति सुधारने को युवा उतरेंगे सड़क पर…



‘कलम सत्याग्रह’ अभियान दूसरी कड़ी के रूप मे कल बिहार इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन, पटना के सभागार में “युवा संवाद” का आयोजन किया गया। इस युवा संवाद में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय के छात्र प्रतिनिधियों के अतिरिक्त छात्र नेता, शिक्षाविद, शिक्षा से जुड़े सामाजिक एवं शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधिगण शामिल हुए। बहस का विषय था “बिहार में शिक्षा की स्थिति”। अपने स्वागत भाषण में कलम सत्याग्रह अभियान के संयोजक, आनन्द माधव ने कहा कि अगर राजनीतिक बहस में बदलाव लाना है तो युवाओं के बिना संभव नहीं है। नकारात्मक रजनीतिक बहस को सकारात्मक बनाने के लिए युवाओं को आगे आना हॉग। इन्ही बातों का ध्यान रखते हुए कलम सत्यागृह ने इस युवा संवाद का आयोजन किया है। क्योंकि छात्र छात्राओं के समस्याओं को बिना समझे, युवाओं के निराशा एवं परेशानियों को बिना जाने हम व्यवस्था में कोई गुणात्मक सुधार नहीं ला सकते। उन्होंने बताया की बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। इसकी 57.2 फीसदी आबादी 25 से कम उम्र की है. वहीं, देश में आधी से अधिक आबादी 25 साल या उससे कम उम्र की है। बिहार की युवा आबादी 8 करोड़ है। इस आबादी को हम कहीं से भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।


बिहार में विद्यालयों के मुकाबले मात्र 0.03 % ही महाविद्यालय हैं, ऐसे में कहाँ शिक्षा प्राप्त करेंगे स्कूल से निकलने के बाद ये विद्यार्थी। लगभग सभी विश्वविद्यालयों का सत्र दो से तीन वर्ष तक पीछे चल रहा है और बेरोजगारों की फौज बढ़ती चली जा रही है। विद्यार्थी डिप्रेसन के शिकार हो रहे।


बिहार में उच्च शिक्षा के लिए सकल नामांकन अनुपात (GER) देश में सबसे कम है। 2019 में जारी अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण के नवीनतम संस्करण के अनुसार, बिहार का GER 13.6 प्रतिशत है। बिहार में सकल नामांकन अनुपात भारत जीईआर 26.3 फीसदी का लगभग आधा है। इसके अतिरिक्त शिक्षकों की घोर कमी, उनमें गुणवत्ता की कमी साथ ही साथ नियमित कक्षाओं का ना होना आदि समस्या है, जो इन्हे घोर बेरोजगारी की ओर धकेलती है।


विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने विश्वविद्यालयों की समस्याएं गिनवाते हुए कहा कि वर्तमान समय में विश्वविद्यालय प्रशासन एवं सरकार दोनों उच्च शिक्षा के प्रति उदासीन है। सभी विश्वविद्यालयों में सत्र 2-3 साल विलंब से चल रहा है। जिन कुलपतियों एवं परीक्षा नियंत्रकों पर नियमित रूप पढ़ाई एवं परीक्षाएं करवाने की जिम्मेदारी है वो स्वयं भ्रष्टाचार के आरोपों में फरार चल रहे हैं और एक की तो कुर्की जब्ती तक का आदेश निकल चुका है. सबसे आश्चर्य की बात तो ये है स्वयं शिक्षा मंत्री सत्र विलंब होने पर खेद प्रकट करते हुए स्वयं लाचार व विवश बताते हैं। सभा में उपस्थित सभी छात्र नेताओं ने एक स्वर में विश्वविद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने के लिए संयुक्त आंदोलन की जरूरत बताई।
कलम सत्याग्रह की पृष्ठभूमि बताते हुए आरटीआई फोरम के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार राय ने कहा कि बिहार के शिक्षा एवं मानव विकास से जुड़े विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रुप से बिहार में शिक्षा की बदहाली पर चिंता प्रकट करते हुए एक साथ नागरिक आंदोलन की परिकल्पना की है। सब का यह मानना है कि वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में बिहार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। नीति आयोग की रिपोर्ट में भी लगातार बिहार को निचले या नीचे से दूसरे स्थान पर दिखाया जा रहा है। इन्हीं सब मुद्दों पर एकजुट होकर नागरिक आंदोलन की परिकल्पना के रूप में कलम सत्याग्रह की शुरुआत की गई है।


टी ई टी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने मंच का संचालन किया तथा सौरभ कुमार सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। पूर्व विधायक अमित कुमार सिंह टुन्ना, एन एस यू आई के प्रदेश अध्यक्ष, चुन्नू सिंह, पटना विश्वविद्यालयों से मृणाल राज, राहुल कुमार, पाटलीपुत्र विश्वविद्यालय से अमृत सिंह, मगध से सूर्य कुमार, सोनमोनी भट्टाचार्य, जे पी से गौरव तिवारी, अनूप कुमार, तिलक मांझी से आकाश सिंह, बी आर ए बिहार से गौतम झा, बिहार विकलांग मंच से राकेश कुमार, युवा नेत्री अनुपमा कुमारी, अमर आजाद, रिचा राजपूत, दिलीप कुमार, शैडो गवर्नमेंट के गगन गौरव, क्रियेटर बाबुवा के राणा दीपू सिंह, मगधी बॉय्ज़ के विश्वजीत प्रताप सिंह, संजीव श्रीवास्तव, कुंदन किशोर, सुशील यादव, डॉ. प्रभा कुमार, डॉ। धर्मेन्द्र कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, निष्ठा, मुस्कान भगत, प्रो. शशि कुमार सिंह, आई पी गुप्ता, मो. अमीरउद्दीन, सौरभ कुमार, वाय के गौतम, आदि ने भी अपने विचार रखे। इसके अतिरिक्त, गालिब जी, कपिलेश्वर राम, माध्यमिक शिक्षक संघ के विजय कुमार सिंह, अरुण कुमार वर्मा, प्रत्यूष गौरव भी उपस्थित रहे।


सभा के अंत में एक “कलम सत्याग्रह हस्ताक्षर अभियान” भी चलाया गया जिसमें उपस्थित सभी साथियों ने कलम सत्याग्रह के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए।