टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला पदक मिल गया है। पहली बार पैरालंपिक में शामिल हुईं टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल (Bhavina Patel) ने इतिहास रचते हुए भारत के लिए रजत पदक जीता है। पैरालंपिक खेलों में भाविना पटेल को महिला एकल वर्ग के क्लास 4 इवेंट के फाइनल में चीन की यिंग झोउ के हाथों 0-3 से हार का सामना कर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। हालांकि वह इस जीत के साथ ही पहली भारतीय महिला पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गई है, जिन्होंने पैरालंपिक के इस इवेंट में कोई पदक जीता है।
गुजरात के मैहसाणा जिले में एक छोटी परचून की दुकान चलाने वाले हंसमुखभाई पटेल की बेटी भाविना को पदक का दावेदार भी नहीं माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इतिहास रच दिया। बारह महीने की उम्र में पोलियो की शिकार हुई पटेल ने कहा, “ जब मैं यहां आई तो मैने सिर्फ अपना प्रतिशत देने के बारे में सोचा था। अगर ऐसा कर सकी तो पदक अपने आप मिलेगा। मैने यही सोचा था।
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उन्होंने कहा, “ अगर मैं इसी आत्मविश्वास से अपने देशवासियों के आशीर्वाद के साथ खेलती रही तो कल स्वर्ण जरूर मिलेगा। मैं फाइनल के लिये तैयार हूं और अपना शत प्रतिशत दूंगी।”
व्हीलचेयर पर खेलने वाली पटेल ने पहला गेम गंवा दिया लेकिन बाद में दोनों गेम जीतकर शानदार वापसी की। तीसरा गेम जीतने में उन्हें चार मिनट ही लगे। चौथे गेम में चीनी खिलाड़ी ने फिर वापसी की लेकिन निर्णायक पांचवें गेम में पटेल ने रोमांचक जीत दर्ज करके फाइनल में प्रवेश किया | दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी झांग के खिलाफ पटेल की यह पहली जीत थी। दोनों इससे पहले 11 बार एक दूसरे से खेल चुकी हैं।
पटेल को पहले ग्रुप मैच में झोउ ने आसानी से हराया था। उनके खिलाफ फाइनल जीतना आसान नहीं होगा। पटेल ने क्वार्टर फाइनल में 2016 रियो पैरालम्पिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच को हराया था। क्लास 4 वर्ग के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन सही रहता है और हाथ पूरी तरह से काम करते हैं। उनके शरीर में विकार मेरूदंड में चोट के कारण होता है।
पटेल ने 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में नेत्रहीन संघ में खेलना शुरू किया जहां वह दिव्यांगों के लिये आईटीआई की छात्रा थी। बाद में उन्होंने दृष्टिदोष वाले बच्चों को टेबल टेनिस खेलते देखा और इसी खेल को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने अहमदाबाद में रोटरी क्लब के लिये पहला पदक जीता। उनका विवाह निकुंज पटेल से हुआ जो गुजरात के लिये जूनियर क्रिकेट खेल चुके हैं। पटेल 2011 में दुनिया की दूसरे की खिलाड़ी भी बनी जब उन्होंने पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैम्पियनशिप में भारत के लिये रजत पदक जीता था। अक्टूबर 2013 में उन्होंने बीजिंग में एशियाई पैरा टेनिस चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।
नीतीश कुमार ने दी बधाई
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में टेबल टेनिस प्रतियोगिता में रजत पदक जीतनेवाली भारतीय महिला खिलाड़ी सुश्री भाविनाबेन पटेल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने इसके साथ उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुश्री भाविनाबेन पटेल ने पैरालंपिक खेलों में रजत पदक जीतकर टेबल टेनिस के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिस पर हर भारतीय गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि सुश्री भाविनाबेन पटेल प्रगति की ऊँचाई के शीर्ष पर पहुँचे और भारत का नाम रौशन करती रहें, ऐसी मेरी कामना है।
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