उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में हत्या, किडनैपिंग के मामले बढ़ गए हैं. प्रदेश में कानून व्यवस्था के मसले पर लगातार फेल होती दिख रही योगी आदित्यनाथ की सरकार पर अब विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. अखिलेश यादव से लेकर मायावती और प्रियंका गांधी के निशाने पर अब योगी सरकार है. विपक्ष की ओर से पत्रकार की हत्या के अलावा कई इलाकों में हुए गोलीकांड पर जवाब मांगा गया है.
अपराध का मीटर का स्पीड दोगुनी
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने बीते दो दिनों में उत्तर प्रदेश में जिस तरह से कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ी हैं उसे लेकर आज सुबह एक ट्वीट कर सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा, ’यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है। प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम् ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है। यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है।’
यूपी के सीएम सरकार की स्पीड बताते हैं और अपराध का मीटर उससे दोगुनी स्पीड से भागने लगता है।
प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्
ये यूपी में केवल दो दिनों का अपराध का मीटर है। यूपी सरकार बार-बार अपराध की घटनाओं पर पर्दा डालती है मगर अपराध चिंघाड़ते हुए प्रदेश की सड़कों पर तांडव कर रहा है। pic.twitter.com/vaN3J5wG2T
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 25, 2020
गोरखपुर का नाम बदलकर ‘गुनाहपुर’ करना पड़ेगा
प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार को निशाने पर लिया. अखिलेश ने ट्विटर पर लिखा कि भाजपा सरकार में अगर गोरखपुर में हत्या, बलात्कार व अपहरण का यही हाल रहा तो शीघ्र ही मान्यवर को गोरखपुर का नाम बदलकर ‘गुनाहपुर’ करना पड़ेगा. जिनसे अपना शहर नहीं संभल रहा, वो प्रदेश क्या संभालेंगे.
योगी सरकार में पत्रकार सुरक्षित नहीं-मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी काल में भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तो लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया जगत के लोग भी यहां आए दिन हत्या व जुर्म के शिकार हो रहे हैं. आजमगढ़ मंडल में हुई पत्रकार की हत्या इसका ताजा उदाहरण है.
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