महिला सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, FIR न करने वाले अधिकारी पर हो कार्रवाई

यूपी के हाथरस कांड से सबक सिखते हुए  महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने कई ठोस कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश के हाथरस में महिला के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या को लेकर देशभर में फूटे गुस्से के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन पन्नों का विस्तृत परामर्श जारी किया है. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नया परामर्श जारी किया है. नये परामर्श में केंद्र ने राज्यों से कहा है कि महिलाओं के साथ अपराध मामले में पुलिस थाने की कार्रवाई अनिवार्य कर दी जाए. एडवाइजरी में कहा गया है कि महिला के खिलाफ अपराध यदि थाने के अधिकार क्षेत्र के बाहर हुआ है तो उस स्थिति में ‘शून्य प्राथमिकी’ दर्ज की जाए.

लापरवाही बरतने पर पुलिस पदाधिकारी पर होगी कार्रवाई

गृह मंत्रालय ने नया एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि नियमों का पालन नहीं करना न्याय दिलाने के लिहाज उचित नहीं होगा. परामर्श में कहा गया है कि अगर थाने के स्टॉफ या किसी अधिकारी के द्वारा महिला अपराध में एफआईआर दर्ज नहीं की जाने की सूचना मिले तो उनको कठोर दंड दिया जाना चाहिए. कानून में इसके लिए सजा का प्रावधान है.

रेप में दो महीने के अंदर जांच पूरी हो

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि रेप के मामले में पूरी जांच दो महीने के अंदर पूरी हो जानी चाहिए और इसका रिपोर्ट सरकार की ओर से बनाये गये पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाना चाहिए. इस ऑनलाइन पोर्टल का नाम Investigation Tracking System for Sexual Offences (ITSSO) है. यहां से मंत्रालय हर केस की निगरानी कर सकता है.