पंजाब: देश के गद्दारों ने पटियाला में लहराया हथियार, भारत की एकता, अखंडता और सिख समुदाय को बदनाम करने कि पूरी थी तैयारी।

नई दिल्ली: पंजाब के पटियाला में खालिस्तान विरोधी प्रदर्शन को लेकर शिवसेना और शिअद (अमृतसर) कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प पर सीएम भगवंत मान ने ट्वीट किया है। सीएम भगवंत मान ने पटियाला में झड़प की घटना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मान ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि डीजीपी से बात की गई है और इलाके में शांति बहाल कर दी गई है।

यह है पूरा मामला।

पंजाब के पटियाला के काली देवी मंदिर के पास आज दो गुटों में झड़प हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ खालिस्तान ससमर्थक खुलेआम तलवार लहराते और शिवसेना कार्यकर्ताओं एवम् पुलिस पर पथराव करते नजर आ रहे हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को गोलियां चलानी पड़ीं और आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। खालिस्तानी समर्थको के हिंसक प्रदर्शन में पुलिस के जवानों पर भी पथराव किया गया। जिसमे कई पुलिसकर्मी के घायल होने की भी खबर है।

पटियाला डीएसपी ने कहा, ”यहां कानून व्यवस्था की समस्या को देखते हुए भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। हम शिवसेना प्रमुख हरीश सिंगला से बात कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मार्च की अनुमति नहीं है।

वहीं इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण। इसके लिए जो भी जरूरी कदम होगा हमारी सरकार उसका पालन करेगी।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ”मैंने डीजीपी से बात की, इलाके में शांति बहाल कर दी गई है। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और किसी को भी राज्य में अशांति पैदा नहीं करने देंगे। पंजाब की शांति और सद्भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।’

पंजाब सरकार है कुशासन का मॉडल- गौरव वल्लभ

वहीं इस घटना के बाद कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ आप और पंजाब सरकार पर निशाना साधते नजर आए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल व्यस्त व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि ”भगवंत मान ने दिल्ली के सीएम से निर्देश नहीं मांगे, यही वजह है कि पंजाब कानून-व्यवस्था की समस्या का सामना कर रहा है। यह कुशासन का मॉडल है।”

खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा आज हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में डीसी कार्यालयों पर झंडे लगाने का फरमान जारी करने के बाद शिवसेना ने विरोध मार्च निकालने का फैसला किया था। 29 अप्रैल को खालिस्तानी समर्थको के द्वारा खालिस्तान स्थापना दिवस मनाया जाता है।



इसका जवाब देते हुए शिवसेना के पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश सिंगला ने घोषणा की कि उनका संगठन 29 अप्रैल को पटियाला में खालिस्तान विरोधी मार्च निकालेगा। उन्होंने आगे कहा कि कुछ खालिस्तानी भारत को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं और पंजाब के हिंदुओं और सिखों के बीच फूट पैदा करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि भारत का नमक खाने वाले कुछ गद्दार भारत में अशांति का माहौल उत्पन्न करना चाहते हैं। भारत की आजादी ,एकता और अखंडता के लिए सिख समाज अपने प्राणों का आहुति देते आया है। उन सभी लोगो को खालिस्तानी समर्थक बदनाम करना चाहते हैं। परंतु भारत के सिख समुदाय में जब तक राष्ट्र प्रेम का लहू बहता रहेगा तब तक देश के गद्दार अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाएंगे।